Meet Sanjeev Srivastava

Experience the passion for music and culture through the eyes of Mr. Sanjeev Srivastava.

Mr. Sanjeev Srivastava has been fascinated in musical and cultural spheres since he was a child. 'Arsh Event Management' (AEVEMAN) was founded as a production firm as a result of his enthusiasm for these sectors. He looks up to his Tau Ji 'Dargahi Lal Srivastava' (he calls him Dada Ji) for inspiration, and he's been influenced by his Mama Ji (uncle) 'Kunwar Bahadur Srivastava' Shayaris since he was a child.

My Background

Journey Highlights

संजीव श्रीवास्तव की बचपन से ही गीत रचना, संगीत और सांस्कृतिक क्षेत्र में रुचि के कारण ही इस "अर्श इवेंट मैनेजमेंट " (AEVEMAN ) कंपनी का शुभ आरम्भ किया गया । वो अपने बड़े पिता जी (दादा जी ) को स्वयं में इस विधा के बीजारोपण का आधार मानते है । बचपन से ही अपने बड़े मामा जी (कुवंर बहादुर ) की शायरी से खासा प्रभावित रहते थे । उर्दू शब्दों का मतलब न समझने के बावजूद भी एक रचना अपने विद्यालय के लिए लिख कर मामा जी को जब दिखाया तो जो प्रोत्साहन उनसे से मिला उसकी बदौलत रचनाओं को रफ़्तार मिली ।अपने बड़े भैया जगत लाल और पी एल श्रीवास्तव की रचनाओं से प्रेरणा लेकर गीत रचना करते रहे । समय बीतता गया जिंदगी में तमाम झंझावात और उतार चढाव के बीच बहुत से अच्छे मित्रो व् शुभचिंतकों व् बाबा विश्वनाथ की कृपा से अपने जीवन की बड़ी जिम्मेदारी अर्थात अपनी बेटियों के शुभ विवाह पर एक पिता के अंदर चल रहे द्वन्द और एहसास को शब्द व् आवाज़ देकर करोडो लोगो की जीवित भावनाओं व् एहसास में अपनी उस गीत रचना को शामिल किया और आज भारत वर्ष में ही नहीं जहाँ जहाँ , जिस जिस देश में भारतवासी रहते है , उन देशो से शुभकामनाओं के सन्देश निरंतर आभार सहित प्राप्त है ।

गीत रचना शौक था, अपने संबंधियों के विवाह, व् विशेष अवसर गीतों के माध्यम से अपनी एक अलग छवि प्रस्तुत करने के साथ-साथ अपनी इस बिलक्षण प्रतिभा को - कला को, एक आयाम पर पहुंचाने की ललक ने इस छिपी हुई कला को उनकी 50 वर्ष की उम्र तक जिंदा रखा और हासिल दिया । चूँकि अपनी मां के बहुत करीब होने और बहन, बेटियों, व् महिला सहयोगियों से मिलने वाले विशेष स्नेह ने कारण बेटियों को लेकर गीत लिखने व् उनकी व्यथा को कलम बंद करने का परिणाम आज करोडो लोगों के बीच में गीतों की लोकप्रियता व् प्रशंसकों की चाहत बन गई ।

जिस के कारण संजीव श्रीवास्तव एक लोकप्रिय गीतकार और गायक के रूप में सुविख्यात होते जा रहे हैं । वैसे तो बेटियों के अलावा भी कई गीतों की रचना की है परंतु जो स्नेह जो प्यार इन भावनात्मक रचनाओं को मिलता है वह शायद और किसी बिषयक गीत को इन रचनाओं की अपेक्षा कम मिलता है।

संजीव श्रीवास्तव के अनुसार इस असीम लोकप्रियता का सम्पूर्ण श्रेय सभी प्रेरणा स्रोत और करोड़ों की संख्या में सुधी दर्शकों व् श्रोताओं को जाता है ।

इस लोकप्रियता के दौरान ऐसा एहसास हुआ कि आज भी इस पश्चात लोकप्रियता के दौर में भी भारतीय युवा और युवतियों में संवेदना का प्रवाह प्रसारित है । जरूरत है उनकी संवेदनाएं को संजोने की। सही और सच्चे संस्कार और शिक्षा दे कर ही समाज में बेटियों को सुरक्षित किया जा सकता है । यदि हर बहन - बेटी में हर पुरुष अपनी बहन - बेटी देखने लगे तो शायद समाज में नारी को एक समुचित स्थान मिल सकेगा और हम सच में इस शक्ति को संभाल सकेंगे । आज की पीढ़ी में बेटियों को सम्मान मिलना शुरू हो चुका है। पिछले चार पांच दशक पहले बेटियों की पैदाइश से परहेज हुवा करता था । कारण कुछ भी रहा हो, उनका पालन पोषण , बेटियों की शिक्षा या फिर बेटियों के विवाह में होने वाले खर्च । आज हम खुश किस्मत हैं कि हमारे समाज में नई पीढ़ी मैं यह जागरूकता आ रही है की - बेटी ही कल है - बेटी ही जीवन है

हमारी इस संस्था का उद्देश्य भी यही है "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ - आत्मनिर्भर बनाओ" बेटी है तो कल है ।

इस "AEVEMAN" मंच के माध्यम से हम ऐसे कलाकारों की छिपी हुई प्रतिभाओं को एक अदद आसमान देने की कोशिश होगी । जिससे हर प्रतिभावान अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा को इस प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी पवित्र भावनाओं को समाज तक प्रसारित कर सके । ताकि एक अच्छे समाज की परिकल्पना सार्थक हो सके । विश्वास है बदलाव आएगा , बेटियां बढ़ेगी - बेटियां पढेगी । घर की बेटी अगर पढ़ी लिखी होगी तो हमारा समाज भी पढ़ा लिखा होग और विश्व में अपने भारतवर्ष का परचम बुलंद होगा।

आइए इस मिशन में शामिल होकर हम समाज को एक दिशा दें

धन्यवाद |

बेटी ही जीवन है |



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